Details of Zodiac 12 Signs in Hindi, Nature and power of 12 zodiac signs in Hindi.
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Aries(मेष राशी):
मेष राशी पूर्व दिशा की स्वामी है। इसका स्वभाव उग्र है। इसका रंग लाल पीला मिश्रित है। इस राशि वालो को संतान प्राप्ति के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अग्नि तत्त्व प्रधान होने के कारण ये पित्त प्रधान है।.
साहस, वीरता, ,अहंकार अपने आपको नेता समझना, आश्रितों का ध्यान रखना, पालन ,पोषण करना अपना कर्त्तव्य समझते हैं. ये राशि कठोर परिश्रम करने वाली होती है . ये लोग संकट काल में घबराते नहीं है।. ये लोग व्यापार, विद्द्या क्षेत्र में बहुत तरक्की करते है।
Taurus(वृषभ राशी:
वृषभ राशि दक्षिण दिशा की स्वामी है. रंग श्वेत है, माध्यम संतान सुख,, वात प्रधान और शुभ राशि है। इसमें स्वार्थ की भावना अधिक होती है . अपने हानि लाभ का पूरा ध्यान रखती है. सामाजिक सेवा की भावना प्रबल होती है।. स्वभाव में कुछ चल कपट भी होता है। मिठास इसका गुण है। इनका गोपनीय व्यवसाय होता है. ये एक रहस्यमय राशि है।. भ्रमण भी अधिक करती है.
Gemini (मिथुन):
इस राशि को पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है. इसका रंग गहरा हरा होता है। बुध की सव राशि होने के कारण इस राशि में योग्यता, विद्वता,, कार्यकुशलता, निपुणता, भरी होती है। इसका प्रभाव हाथ, कंधे, बांह पर होता है। सर्वा गुण संपन्न दिखने वाली ये राशि परदे के पीछे पाप भी करने वाली मानी गई है।
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Cancer(कर्क राशी):
ये उत्तर दिशा की मालिक है। अधिक संतान होना इसकी विशेषता है। इसका रंग लाल है पर कुछ सफेद मिला होता है। चन्द्रमा की सवा राशि होने के कारण ये वात कफ से ग्रस्त रहती है।
इस राशि से पेट, गुर्दे, छाती का विचार किया जाता है। ये राशि मौके का लाभ उठाने वाली होती है. हवा का रुख देखकर चलना इसका गुण है। चंचल होने के कारन इन पर विश्वास करना कठिन है। ये मंद गति से प्रगति करती है। ये भौतिकता की प्रेमी होती है। कर्क राशि में लज्जा भी कम होती है। ऐसे लोग मुह फट भी होते है। शिक्षा कम होने पर भी ये कुशाग्र बुद्धि के होते है। व्यापार, शिक्षा के क्षेत्र में ये सफलता प्राप्त करते है।
कर्क राशि के लोग सुखी , योग्य पत्नी को सुख देने वाले होते हैं . कर्क राशि वाले अनुशाशन प्रिय भी होते है।
Leo(सिंह राशी):
ये राशि पूर्व दिशा की मालिक है. सिंह राशी वालो का शारीर बलवान, और पुष्ट होता है। ये किसी का नियंत्रण स्वीकार नहीं करती है। स्वभाव की उग्रता इनको लड़ाकू भी बना देती है। बात बात पर झगडा करना इनका स्वभाव मन गया है। ह्रदय का विचार इस राही से होता है। सिंह राशि वाले भ्रमण के शौकीन होते है। इनको किसी चीज का भय नहीं होता। परिवार पर नियंत्रण रखते है . इस राशि वाले अगर अपराधी बन गए तो भयानक होते हैं. ये मंसाहआरी राशि मानी गई है। खेल कूद, व्यायाम, आदि में ये अपना महात्व रखती है। सिंह राशि वायदे की पक्की होती है, चल कपट इसका स्वभाव नहीं होता, स्पष्ट वक्ता होते है। सिंह राशि वाले उच्च पद प्राप्त करते है। मित्रो के लिए सदा सहायक होती है। इनकी मैत्री लम्बी और निष्कपट होती है .
Virgo(कन्या राशी):
कन्या राशी दक्षिण दिशा की स्वामी है.इसका स्वभाव शांत है वाट-- कफ इसकी प्रकृति है। आलस्य इसका विशेष गुण माना गया है। उत्तरोत्तर प्रगति करना इसका विशेष गुण मन गया है।. पेट का विचार इस राशि से किया जाता है। कन्या राशि अत्यंत स्वभिमनित मानी गई है। अपना जरा भी अपमान ये बर्दास्त नहीं कर पाती।. ये सबसे घुल मिल जाती है।. कन्या राशी वाले अध्यन प्रेमी भी होते है और विद्वान् भी . ये सत्यवादी और स्पस्ट वक्ता होते है।. स्वभाव से अत्यंत भावुक होते है। अपने ठोस कदम के कारन ये प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त करते हैं। लेखक पत्रकार के रूप में ये प्रसिद्द होते है।. निरंतर संघर्ष और सुखी जीवन इनकी प्रवृत्ति है।
Libra( तुला राशी ):
ये शुक्र की स्वराशी है एवं शनि की उच्च राही है। इसी कारण इसे क्रूर और पापी मन गया है। ये पश्चिम दिशा की स्वामी है। ये अत्यंत संतुलित व्यवहार करने वाली राशी है . अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और संघर्ष करना तुला राशि का विशेष गुण है।
तुला राशिके लोग अपनी चतुराई से अपना काम निकाल लेते हैं , विचारवान भी होते है,दूरदर्शी भी होते है , ये आगे पेचे सोच कर ही कदम उठाते है .
तुला राशि के लोग कुशल राजनीतिज्ञ माने जाते हैं , पारिवारिक जीवन सुखी होता है, ये न्याय प्रिय होते है , तुला राशि के लोगो की धर्म में गहरी आस्था होती है, ये छल कपट से परे होते हैं।
Scorpio(वृश्चिक राशी):
वृश्चिक मंगल की स्व राशी है , इसे उत्तर दिशा का स्वामी मन जाता है. वृश्चिक राशि के लोग हटी स्वाभाव के होते है। इस राशि के द्वार गुप्तांगो का विचार किया जाता है। ये स्पस्ट वादी होते हैं . ये राशि कठोर होती है धार्मिक प्रवृत्ति भी होती है, सोच समझकर खर्च करना, दूरदर्शिता भी इनका गुण है .
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Sagittarius (धनु राशी):
धनु राशि का रंग सुनहरा मन गया है, ये पूर्व दिशा की स्वामी है और गुरु इसका ग्रह है , इस राशि के द्वारा घुटनों और जांघों का विचार किया जाता है . इस राशि में उदारता,, ,परोपकार की भावना अधिक होती है. इनकी धार्मिक कार्यों और पूजा पाठ में विशेष रूचि होती है , इस राशि का पारिवारिक जीवन सुखद और शांत होता है परन्तु पर्तिशोध की भावना प्रबल होती है। रिश्तेदारों से पटरी नहीं बैठती है . ये अपने जीवन का खुद ही निर्माण करते है . दुनिया की परवाह किये बिना ये लक्ष्य बना के आगे बड़ते है . धनु राही वालो को ऊँचे पद पाने , मान सम्मान प्राप्त करने की लालसा बहुत होती है .
Capricorn (मकर राशी):
मकर राशि दक्षिण दिशा की स्वामी है और शनि इसका ग्रह है. इस राशि में सेवा और कर्त्त्वय परायणता अधिक होती है. मकर राशि वाले लोग बहुत महत्त्वकांक्षी होते है , चरित्र ढीला ढला होता है।. ये कामुक भी होती है और स्वार्थ साधन से खुद का भला करने की कला इनमे होती है . ऐसे राशि के लोग कई प्रकार के कार्य एक साथ करते है जीवन यापन के लिए।. ऐसे लोग थोड़े लालची भी रहते है . ये राशि भाग्य पर बहुत भरोसा करती है . व्यावहारिक जीवन में इस राशि पर भरोसा किया जा सकता है। लेखक, वकील, न्यायधीश, राजपत्र अधिकारी आदि बनते है।
Aquarius(कुम्भ राशी):
ये राशि पशिम दिशा की स्वामी है और विचित्र गुणों से युक्त है . ये स्वभाव में तेज होती है इसके द्वारा आंतो का विचार किया जाता है. अधर्म के कारण ये राशि हानि उठाती है। ऐसे लोग विद्वान् होते हुए भी लापरवाह भी होते है, गहन अध्धयन , लेखन, नानाप्रकार के आविष्कारों को करने में इनको रूचि होती है। इनकी वासना भी तीव्र होती है। इसे कामांध भी कहा जाता है . आर्थिक रूप से ऐसे लोग थोड़े परेशान रहते है।. संतान और पारिवारिक सुख में कमी रहती है। वृद्धावस्था में सुखी होते है।
Pisces(मीन राशी):
ये राशि उत्तर दिशा की स्वामी है. इसी दिशा में कार्य करने से ऐसे लोगो को लाभ होता है। कफ युक्त प्रवृत्ति रहती है। इनमे करूणा सहानुभूति , भावुकता बहुत रहती है, इसी चीज का लोग लाभ उठा लेते है।
मिश्रित जीवन जीते है . इनमे काम वासना कम होती है.विद्वान् होते हुए भी ये मुर्खता पूर्ण कार्य कर जाते है। विद्या अच्छी प्राप्त करते है पर धनाभाव रहता है। विप्रिईत लिंगों के प्रति लगाव रहता है .
नोट : किसी के भी बारे में कोई निर्णय लेने से पहले कुंडली का पूरा अध्धयन अच्छी तरह से करना जरूरी है उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जा सकता है .
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